aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "rishta"
अमिना रौशनी रिशा
शायर
ऋषि पटियालवी
1917 - 1999
रेशमा ज़ैदी
born.1978
रेख़्ता
मधुवन ऋषि राज
रिशी ख़ान
born.1952
सर रिश्ता-ए-निज़ामत, हैदराबाद
पर्काशक
सर रिशता तालीम, पंजाब
मजलिस-ए-इदरात रिसाला साइंस
संपादक
रेख़्ता किताबें
दफ़्तर रिसाला-ए-अतालीक़, हैदराबाद दकन
रिसाला हिन्दुस्तानी, इलाहबाद
रेशमा नाहीद रेशम
born.1964
रीता गांगुली
कलाकार
दफ़्तर रिसाला इरशाद, हैदराबाद
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हमबिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम
न रिश्ता-ए-वफ़ा पे ज़िदन ये कि इज़्न-ए-आम हो
बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सहीतुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले
लो आज हम ने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीदलो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम
उस से तुम नहीं डरते!हर्फ़ और मअनी के रिश्ता-हा-ए-आहन से आदमी है वाबस्ता
महिलाओं की आत्मकथाओं का चयन
रेख़्ता ने अपने पाठकों के अनुभव से, प्राचीन और आधुनिक कवियों की उन पुस्तकों का चयन किया है जो सबसे अधिक पढ़ी जाती हैं.
रूसी साहित्य का उर्दू में अनुवाद यहाँ पढ़े.
रिश्ताرشتہ
connection, relationship, aAlliance, kinship
रिश्तेرشتے
relationships, kinships, connections,
रिश्तेرشتہ
relationship
दश्तीدشتی
related to desert
Urdu Aur Hindi Zaban Ka Irtiqa Aur Unka Lisaniyati Rishta
मंज़र आज़मी
भाषा
Sar Rishta-e-Taleef-o-Tarjuma Jamia Usmania Hyderabad
मुस्तफ़ा अली ख़ाँ फ़ातिमी
आलोचना
Urdu aur Hindi ka Lisaniati Rishta
राम आसरा राज़
Qaumi Zaban Aur Ilaqai Zabanon Ka Rishta
जीलानी कामरान
रास्ता बन्द है
मुस्तफ़ा करीम
नॉवेल / उपन्यास
रिसाल-ए-तारीफुन्नब्ज़
बशीर अहमद गोपामव्वी
औषधि
Risala-e-Deeniyat
सय्यद अबुल आला मोदूदी
इस्लामियात
जिलानी बानो
कहानियाँ
Shab-e-Rafta
मजीद अमजद
Aadha Rasta
कृष्ण चंदर
Carrom Se Rishta
आरिफ़ नक़वी
अन्य
Bengal Ki Zabanon Se Urdu Ka Rishta
शान्ती रंजन भट्टा चारिया
Risala-e-Haq Numa
दारा शिकोह
दर्शन / फ़िलॉसफ़ी
Urdu Aur Hindi Ka Lisani Rishta
राज बलदेव राज
रिश्ता गूँगे सफ़र का
मज़हर इमाम
काव्य संग्रह
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता हैसितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं
ये एक मेला है वा'दा किसी से क्या लेगाढलेगा दिन तो हर इक अपना रास्ता लेगा
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्तादिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए
वो एक रिश्ता-ए-बेनाम भी नहीं लेकिनमैं अब भी उस के इशारों पे सर झुकाऊँगी
क्या रिश्ता है शामों सेसूरज की क्या लगती हो
यूँ जो तकता है आसमान को तूकोई रहता है आसमान में क्या
अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खोकुछ नहीं आसमान में रक्खा
रहे नाम-ए-रिश्ता-ए-रफ़्तगाँ न शिकायतें हैं न शोख़ियाँकोई 'उज़्र-ख़्वाह तो अब कहाँ कोई उज़्र-दार भी अब नहीं
कि मेरी जान मेरे दिल से रिश्ता खो नहीं सकतीनशा चढ़ने लगा है और चढ़ना चाहिए भी था
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