aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "s-m-s"
एस. एम. एस. ए. हयात
पर्काशक
साइब एस एम पाटिल
born.1984
शायर
ख़लील राज़ी
1918 - 2003
एस-एम-ज़ेड गौहर
लेखक
क़ैसर अज़ीज़
born.1962
एस एम इकराम
संपादक
एस. ऍम. सरवर
एम एस नाज़
एस. एम. शरीफ़ क़ुरैशी
एस. एम. सालिम तनवीर
एम. एस. राही
born.1941
एस. एम. क़ैसर
एस. एम. यहया
एस एम मोसिन
एस. एम. शुजाउद्दीन
मैं ने उस को मैसेज भेजाजिस में मैं ने
नेट से तुम चिपके रहते होएस-एम-एस करते रहते हो
लेकिन फ़ोन तो कर सकता थाएस-एम-एस तो कर सकता था
जो एस-एम-एस पे हर लड़के को दर्स-ए-इश्क़ देती हैंवो सारी लड़कियाँ कॉलेज में कल उस्तानियाँ होंगी
जान इस दिल की बचाने के लिएयाद आ बस याद आने के लिए
एस-एम-एसایس ایم ایس
SMS
उर्दू में रिपोर ताज निगारी फ़न और इर्तिक़ा
शोध
Lahore Nama
Akhtar Orenvi
एस. एम. हसनैन
विनिबंध
Urdu Mein Fanni Tadween
Hayaat-e-Iqbaal
जीवनी
Taleem Hindustan Ke Muslim Ahad-e-Hukumat Mein
एस. एम. जाफ़र ज़ैदी
Jadeed Urdu Shairi Par Faiz Ahmad Faiz Ke Asraat
एस. एम. हाशमी
शायरी तन्क़ीद
Ilm-un-Nafs
एम. एस. हसन मासूमी
Armughana-e-Kerela
हैवानी ज़िन्दगी की दिलचस्प बातें
अन्य
Asbaq-e-Keemiya
ख़रीलुर्रहमान एम. एस. सी.
Mahshar-e-Qawwali
एम. एस. जौहर
क़व्वाली
Computer Quiz
एम. एस. अनवार
Aqlmand Rajkumar
एस. एम. ज़फर अली
नॉवेल / उपन्यास
Anatomy Physiology
एस. एम. शर्फुद्दीन
बात साहिल की रखे टूटा शिकारा देख लेपास तो मझधार है क्यूँ कर किनारा देख ले
फिर से तेरा ख़याल आया हैदर्द में इक उबाल आया है
काफ़ी दिनों की बात है। एक शहर में दो भाई रहते थे। उनका क़द एक जैसा था, अलबत्ता रंगत एक जैसी नहीं थी। एक गोरा चिट्टा था और दूसरा साँवले रंग का। गोरे भाई का नाम अश्फ़ाक़ और साँवले भाई का नाम शफ़ीक़ था। दोनों भाईयों की आदात में ज़मीन...
जाजी का अस्ली नाम तो किसी को मालूम नहीं, अलबत्ता सब उसे पेटू मियां कहते थे। पेटू भी ऐसे कि सारा बावरीचीख़ाना चट कर के भी शोर मचाते थे। ‘‘हाय मैं कई दिनों से भूका हूँ और कमज़ोर हो रहा हूँ, कोई भी मुझ ग़रीब पर तरस नहीं खाता।’’ और...
शमा, नन्ही मुनी प्यारी सी लड़की थी। ख़ूबसूरत गोल गोल आँखें, सेब जैसे होंट और अनार की तरह उसका सुर्ख़ रंग था। वो आँखें झपक कर बातें करती। उसका चेहरा हर वक़्त मुस्कुराता रहता था। हंसते हंसते उसका बुरा हाल हो जाता और उसकी अक्सर हिचकी बंध जाती। इस मौक़ा...
रात का वक़्त था। अंधेरा फैल चुका था कि हवेली के दरवाज़े पर किसी ने ज़ोर-ज़ोर से दस्तक दी। एक बुज़ुर्ग ने दरवाज़ा खोला तो बाहर एक नौजवान बेहोश पड़ा था। बुज़ुर्ग ने उसे उठाया और नरम-ओ-गुदगुदे बिस्तर पर लाकर लिटा दिया। नौजवान को होश आया तो उस के सामने...
साक़िब बहुत ही मेहनती लड़का था। वो अपने स्कूल का काम दिल लगा कर करता और शाम को अपने ग़रीब बाप का हाथ बटाने के लिए दुकान पर बैठ जाता। उसने एक ख़ूबसूरत मैना पाल रखी थी। ये मैना उस से बड़ी मीठी मीठी, प्यारी प्यारी बातें करती। साक़िब अपनी...
नफ़रत की हिक़ारत की अदावत की हुई बातअब तक न हुई उन से मोहब्बत की कोई बात
हम चेहरा-ए-ज़ुन्नार को पूजा नहीं करतेया'नी दिल-ए-ख़ुद्दार को रुस्वा नहीं करते
मसख़रा था बादशह का इक ग़ुलामहो गया था वो बहुत ही नेक-नाम
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