आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sham e shahr e yaran faiz ahmad faiz ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "sham e shahr e yaran faiz ahmad faiz ebooks"
ग़ज़ल
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
शेर
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
मौज़ू-ए-सुख़न
गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम
धुल के निकलेगी अभी चश्मा-ए-महताब से रात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "sham e shahr e yaran faiz ahmad faiz ebooks"
अन्य परिणाम "sham e shahr e yaran faiz ahmad faiz ebooks"
नज़्म
ऐ रौशनियों के शहर
सब्ज़ा सब्ज़ा सूख रही है फीकी ज़र्द दोपहर
दीवारों को चाट रहा है तन्हाई का ज़हर
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
क़ितआ
इन दिनों रस्म-ओ-रह-ए-शहर-ए-निगाराँ क्या है
क़ासिदा क़ीमत-ए-गुल-गश्त-ए-बहाराँ क्या है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
शहर-ए-याराँ
आसमाँ की गोद में दम तोड़ता है तिफ़्ल-ए-अब्र
जम रहा है अब्र के होंटों पे ख़ूँ-आलूद कफ़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
एक शहर-आशोब का आग़ाज़
अब बज़्म-ए-सुख़न सोहबत-ए-लब-सोख़्तगाँ है
अब हल्क़ा-ए-मय ताइफ़ा-ए-बे-तलबाँ है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
फ़ैज़-अहमद-'फ़ैज़' के नाम
गुल-ए-सहर की न गेसू-ए-शाम की ख़ुशबू
फ़ज़ा फ़ज़ा में है तेरे कलाम की ख़ुशबू