आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tab-e-mauzuu.n"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "tab-e-mauzuu.n"
नज़्म
शा'इरी का जनाज़ा
एक शब तो तब’-ए-मौज़ूँ ने उड़ा दी नींद भी
और दिमाग़ ओ क़ल्ब की रग रग फड़कने लग गई
बर्क़ आशियान्वी
ग़ज़ल
ताब असलम
अन्य परिणाम "tab-e-mauzuu.n"
हास्य
तब्अ-ए-मौज़ूँ गर न बख़्शी हो ख़ुदा ने आप को
शाइरी क्यूँ कीजे आख़िर क्या ख़ुदा की मार है
आसी रिज़वी
ग़ज़ल
ताज़ा मज़मूँ 'सेहर' अपनी तब्-ए-मौज़ूँ से निकाल
हो न तू तर्ज़-ए-सुख़न में आश्ना तक़लीद का
मुंशी देबी प्रसाद सहर बदायुनी
ग़ज़ल
मयकश अकबराबादी
ग़ज़ल
ज़बाँ से कुछ न कहना बावजूद-ए-ताब-ए-गोयाई
खुली आँखों से बस मंज़र ब मंज़र सोचते रहना
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
हटे ग़ुबार जो लौ से तो मेरी जोत जगे
जलूँ मैं फिर से नई आब-ओ-ताब-ए-ख़्वाब के साथ
बद्र-ए-आलम ख़लिश
ग़ज़ल
रश्क-ए-महशर कोई क़ामत तो निगाहों में जचे
दिल में बाक़ी है अभी ताब-ओ-तवाँ हम-नफ़सो