aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
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परिणाम "zinda-dilaan-e-lahore"
ज़िन्दा दिलान-ए-हैदराबाद
पर्काशक
अंजुमन ज़िन्दा दिलान-ए-सहारनपुर
गुंग हैं ज़िंदा-दिलान-ए-लाहौररस्म-ए-पुर्सिश भी उठी है कैसी
ज़ब्त-ए-गिर्या हुनर-ए-ज़िंदा-दिलाँ ठहरेगाइक यही बंद सर-ए-सैल-ए-रवाँ ठहरेगा
ऐ ज़िंदा-दिलान-ए-बाग़ इतना न हँसोआँसू भी निकल आते हैं हँसते हँसते
ज़िंदा-दिलान-ए-शौक़ ने रक्खा बहार नामइक मौज-ए-ख़ूँ गई सर-ए-गुलज़ार कुछ कहो
बुझती शम्ओं' का भी मातम नहीं करता कोईज़िंदगी अंजुमन-ए-ज़िंदा-दिलाँ हो जैसे
ज़िंदा-दिलान-ए-लाहौरزندہ دلان لاہور
lively folks of Lahore
Muhakima Deewan-e-Ghalib Nuskha-e-Lahore Masrooqa
जाफ़र बलूच
Deewan-e-Iqbal Lahori
इक़बाल लाहाैरी
Deewan-e-Sarwari
मुफ़्ती ग़ुलाम सरवर लाहोरी
दीवान
Deewan-e-Hamd Izadi
Mushaira-e-Zinda Dilan
महबूबुद्दीन
साग़र ख़य्यामी
शाइरी
Deewan-e-Waqif Lahori
नूर-उल-एैन वाक़िफ़
मुंशी नवल किशोर के प्रकाशन
नूर अमरोहवी
अज़हर अली ज़ैदी
Deewan-e-Hazrat Ahmad Jaam Zinda Peel
अहमद जाम ज़िंदा पील
Deewan-e-Hamd Eizadi
'हबाब' अपने वतन से तो दूर हूँ लेकिननिगाह में हैं सभी दोस्तान-ए-ज़िंदा-दिलाँ
भटक रही है उदासी हमारी शहर-ब-शहरकहीं तो कूचा-ए-ज़िंदा-दिलाँ निकल आए
अजब ये ख़ित्ता-ए-ज़िंदा-दिलां हुआ आबादकि घर कहीं भी नहीं और मकाँ बहुत से हैं
तल्ख़ी-ए-ग़म ही सही तल्ख़ी-ए-अय्याम सहीगामज़न हम ब-रह-ए-ज़िंदा-दिलाँ रहते हैं
इश्क़ पयाम-ए-जिद्द-ओ-अमल है इश्क़ जिहाद-ए-ज़िंदा-दिलाँआज भी है हर दश्त-ए-तलब में अहल-ए-जुनूँ का नाम बहुत
गर सुब्ह को मैं चाक गरेबान दिखाऊँऐ ज़िंदा-दिलाँ हश्र तलक शाम न होवे
नज़्म-ए-मय-खाना बदल कर रख दें हमआओ ऐ ज़िंदा-दिलाँ 'तिश्ना'-लबाँ
सारे मंज़र एक जैसेसारी दुनिया एक सी
एक तमाशा और दिखाया जा सकता थामुझ को ज़िंदा भी दफ़नाया जा सकता था
मिरा बिछड़ा राँझन मोड़ सजनमुझे चाह न कोई और सजन
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