aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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Buta Khan Rajas
Poet
Deewan Buta Singh
Author
Boots Ford
Gul Boote Publications, Mumbai
Publisher
Fashion Boot House, Sultanpur
pattaa pattaa buuTaa buuTaa haal hamaaraa jaane haijaane na jaane gul hii na jaane baaG to saaraa jaane hai
हाली: वाह क्या ख़ुशगवार हवा है। आसमान को देखिए क्या निखरा हुआ है। ग़ालिब: जो काम ख़ुदराई से किया जाता है, अक्सर बेढंगा होताहै। सितारों को देखिए किस अबतरी से बिखरे हुए हैं न तनासुब है न इंतज़ाम, न बेल है न बूटा। मगर बादशाह ख़ुद-मुख़्तार है कोई दम नहीं...
कभी कभी मुंशी करीम बख़्श के आम के बाग़ों का भी ज़िक्र आजाता था, “मुंशी साहब कहिए, अब की दफ़ा फ़सल कैसी रहेगी।” फिर चलते चलते डिप्टी सुपरिटेंडेंट साहब ये भी कहते, “पिछले साल आप ने जो आम भिजवाए थे बहुत ही अच्छे थे बेहद लज़ीज़ थे।” “इंशाअल्लाह, ख़ुदा के...
आप मेरी बकवास सुनते सुनते क्या तंग तो नहीं आगए? ख़ुदा मालूम क्या क्या कुछ बकता रहा हूं। तकल्लुफ़ से काम न लीजिए, आप वाक़ई कुछ नहीं समझ सकते, मैं ख़ुद नहीं समझ सका। सिर्फ़ इतना जानता हूँ कि बटोत से वापस आकर मेरे दिल-ओ-दिमाग़ का हर जोड़ हिल गया...
बूटाبوٹا
Undershrub
Lakadhare Ka Beta
Intizar Hussain
Story
Tareekh-e-Rome
Samundar Ka Beta
Qamar Alii Abbasi
Children's Literature
Shumara Number-008
Farooq Syed
Apr 2019Gul Bootey, Mumbai
Shumara Number-006
Feb 2019Gul Bootey, Mumbai
Shumara Number-002
Oct 2006Gul Bootey, Mumbai
Shumara Number-011
Jun 2005Gul Bootey, Mumbai
Apr 2009Gul Bootey, Mumbai
Shumaara Number-007
Gul Bootey, Mumbai
Shumara Number-003
Nov 2018Gul Bootey, Mumbai
Ye Bambai Hai Aur Sautela Beta
Hamida Barni
Social
Mera Beta
Sharat Chandra Chatterjee
Novel
011
Jul 2005Gul Bootey, Mumbai
Shumara Number-012
Jul 2010Gul Bootey, Mumbai
Aug 2017Gul Bootey, Mumbai
na rut thii aa.ndhiyo.n kii ye na mausam thaa havaa.o.n kaa to phir ye kyaa hu.aa 'amjad'har ik ko.npal hu.ii zaKHmii hu.aa majruuh har buuTaa KHizaa.n ke aaKHirii din the
... देवी, कंपनी की हर दिलअज़ीज़ हीरोइन के छोटे से मुँह से चीख़ें निकलीं और बाहों को इंतिहाई कर्ब-ओ-इज़्तिराब के तहत ढीला छोड़कर उसने अपने चप्पल पहने, पांव को ज़ोर-ज़ोर से स्टुडियो की पथरीली ज़मीन पर मारते हुए चीख़ना-चिल्लाना शुरू कर दिया। ठुमका-ठुमका बूटा सा क़द, गोल-गोल गदराया हुआ डील,...
ग़ालिब मिला-ए-आला की अदालत में पस-ए-मंज़र: एक बहुत ही वसीअ कमरा, चारों तरफ़ बड़े बड़े तारे नज़र आरहे हैं, शुमाल-ओ-जुनूब में दो-रूया सफ़ेद साये नज़र आरहे हैं, उन सायों के इख़्तिताम पर मशरिक़ी किनारे पर एक 75-80 बरस का बूढ़ा पुश्त ख़म, बदन में रअशा लेकिन इस उम्र में भी...
इसी तरह हमारे शायरों ने बहुत कुछ हकीमों, डाक्टरों और अ'ताइयों के बारे में कह रखा है। कल कलाँ मेडिकल एसोसिएशन या तिब्बी कान्फ़्रेंस वाले या जड़ी-बूटी सन्यासी टोंका एसोसिएशन के सेक्रेटरी साईं अकसीर बख़्श कुश्ता मुशायरा कराएं तो हस्ब-ए-ज़ैल तीर बहद्फ़ मिस्रे काम में ला सकते हैं, या इलहाई...
ko.ii pattaa hai na buuTaa hai na guldasht ko baaG kahoge kab tak
जब से शबनम आई थी। भइया बहुत शरीर हो गए थे। एक दम से वो दाँत कच-कचा कर भाभी को हम सब के सामने भींच लेते। उन्हें गोद में उठाने की कोशिश करते। मगर वो उन के हाथों में से बोंबल मछली की तरह फिसल जातीं। फिर वो खिसियाकर रह...
जमुना, रम्भा की तरह हसीन तो ना थी। लेकिन अपना बूटा सा क़द लिए इस तरह हौले-हौले चलती थी जैसे झील की सतह पर हल्की-हल्की लहरें एक दूसरे से अठखेलियाँ करती जा रही हों उसके जिस्म के मुख़्तलिफ़ हिस्से आपस में मिल कर एक ऐसा हसीन तमूज पैदा करते थे...
दूर, अपने क्वार्टर के बाहर खाट पर बैठे हुए चौकीदार की निगाहें छोटी चौधरानी पर जमी हुई थीं। हुक़्क़े का सोंटा लगाता और फिर से छोटी चौधरानी को देखने लगता। यूं जैसे उसे देख देखकर दुखी हुआ जा रहा हो। दूसरी जानिब घास के प्लाट के कोने पर बूढ़ा माली...
takalluf se barii hai husn-e-zaatiiqabaa-e-gul me.n gul-buuTaa kahaa.n hai
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