aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
Showing search results for "लाडली"
Babu Ladli Lal Laeq
born.1894
Author
John Porks Ledli
Mudassir Lali
Pyaare Laal
Lali Chaidhary
वो कपड़े बदलती रहीं और मैं चाय पीती रही। बेगम जान नाईन से पीठ मलवाते वक़्त अगर मुझे किसी काम से बुलवातीं, तो मैं गर्दन मोड़े जाती और वापस भाग आती। अब जो उन्होंने कपड़े बदले, तो मेरा दिल उलटने लगा। मुँह मोड़े मैं चाय पीती रही। “हाय अम्माँ...” मेरे...
janaab-e-seTh-saahab kii jo ik be-maa.n kii bachchii hainihaayat laaDlii hai umr puKHta aql kachchii hai
biite.n tire jiivan kii gha.Diyaa.n aaraam kii ThanDii chhaa.nv me.nkaa.nTaa bhii na chubhne paa.e kabhii mirii laaDlii tire paa.nv me.n
सारे घर में अगर किसी को काकी से मुहब्बत थी तो वो बुध राम की छोटी लड़की लाडली थी। लाडली अपने दोनों भाइयों के ख़ौफ़ से अपने हिस्से की मिठाई या चबेना बूढ़ी काकी के पास बैठ कर खाया करती थी यही उसका मलजा था और अगरचे काकी की पनाह...
कहते हैं जब आतिश फ़िशाँ पहाड़ फटता है तो लावा वादी की गोद में उतर आता है। शायद यही वजह थी कि मेरे दधियाल वाले नन्हियाल वालों की तरफ़ ख़ुद ब-ख़ुद खिंच कर आ गए। ये मेल कब और किसने शुरू किया सब शजरे में लिखा है, मगर मुझे ठीक...
Chewing betel leaves is a part of the Indian subcontinent’s culture. It is also offered to others in an act of courtesy and to make friends. The redness that betel leaves bring to lips has attracted men and women to each other. Poetry too has taken note of this. We share some of them with you here.
लाडलीلاڈلی
favorite, pampered-female
Deewan-e-Laeq
Deewan
Dastoor-ul-Maash
Economics
Had Chahiye Saza Mein
Story
Dastoor-ul-M'aash
Ladle Janwar
Mateen Achalpuri
Bikhre Lamhe
Nazm
Gandhi Ji Badshah Khan Ke Des Mein
Gurez Paa
Short-story
Johar-e-Zarat
Agriculture
Laadla
Film Songs
Jauhar-e-Qanun
Law
बुढ़िया मेहतरानी यानी उसकी सास बेटे के जाते ही इस तरह बदगुमान हो गई। बैठे बैठाए एहतियातन गालियाँ देती, उस पर नज़र रखने के लिए पीछे-पीछे फिरती । मगर बुढ़ाया अब टूट चुकी थी, चालीस बरस मैला ढोने से उसकी कमर मुस्तक़िल तौर पर एक तरफ़ लचक कर वहीं ख़त्म...
जिस वक़्त ख़ुर्शीद बोतल पी रही थी, उस वक़्त बीबी का छोटा भाई अज़हर उधर से गुज़रा। उसे स्ट्रॉ से बोतल पीते देख कर वो मेन बाज़ार जाने की बजाए उल्टा चौधरी कॉलोनी की तरफ़ लौट गया और एन टाइप के क्वार्टर में पहुँच कर बरामदे ही से बोला, “बीबी!...
दर्शी का पूरा नाम था प्रिय दर्शनी। प्रिय का मतलब है प्यारी और दर्शनी का मतलब है दिखाई देने वाली, यानी जो देखने में प्यारी लगे, दिल को लुभाए, आँखों में नशा पैदा करे। शायद इसी लिए दर्शी को रात-भर जागना पड़ता था और शीकोशा से नज़रें चुराना होतीं। दर्शी...
“हाँ-हाँ…” बुड्ढे रहमान ने सर हिलाते हुए कहा। “कल मैंने अपनी इकलौती बच्ची को मिलने अंबाले जाना है। तभी तो ये जूता जूते से न्यारा नहीं होता।” पार साल भी जब ये जूता जूते पर चढ़ गया था, तो रहमान को पर्ची डालने के लिए ज़िला कचहरी जाना पड़ा था।...
'valii' ye laaDlii beTiimirii hastii kaa sarmaaya
ये मेरी दूसरी भाबी है। मेरे भाई की अनमोल दुल्हन। इसकी क़िस्मत का चमकता दमकता सूरज उसकी मशअल-ए-राह। मेरा भाई बड़ा ही तक़दीर वाला है। उसने एक ग़रीब घर में जन्म लिया, सर्दियों की अधमरी रौशनी में पढ़-पढ़ कर एक दिन जब रौशन सितारे की तरह जगमगाया तो एक बड़ी...
maa.n laaDlii aulaad ko jaise taa.Dekis pyaar se paremii ko sazaa detii hai
कल की रंग-बिरंगी याद क़हक़हा बन कर नवाब बहादुर के हल्क़ से छलक गई। “क़हर है बेगम, एक क़यामत है ज़ालिम ने हमें कहीं का ना रखा... कहाँ है? ज़रा बुलवाइये तो अपनी लाडली को। अच्छा रहने दीजीए... ये हिज्र के लम्हे भी बड़े मज़ेदार हैं। क्या हम एक नज़र...
डोली के क़रीब बार-बार एक बूढ़े की खांसी की आवाज़ आ रही थी, शायद वो दूल्हा का बाप था... फिर जिस दूल्हा का बाप पल पल-भर बाद बलग़म के इतने बड़े बड़े गोले पटाख से ज़मीन पर दे मारता है, वो ख़ुद कैसा होगा... हाए-री। वो रो दी, वो इससे...
“है है नहीं सुनती नेक-बख़्त... किधर सर पेट के निकल जाऊं मेरे अल्लाह?” मुल्लानी बी ने सरौता छोड़कर पूरी ताक़त से माथे पर हथेली मारी। परेशान बाल, काँधों पर दुपट्टा फैला, जैसे अलगनी पर सुखाने के लिए डाल दिया हो। गाल दहकते, आँखें आँसूओं में नहाती मगर होंट मुस्कुराहट में...
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books