aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "hamraah"
आओ मिल जाओ कि ये वक़्त न पाओगे कभीमैं भी हम-राह ज़माने के बदल जाऊँगा
मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँमिरे हमराह दरिया जा रहा है
शाम हुई है यार आए हैं यारों के हमराह चलेंआज वहाँ क़व्वाली होगी 'जौन' चलो दरगाह चलें
दिल-ए-बेताब के हमराह सफ़र में रहनाहम ने देखा ही नहीं चैन से घर में रहना
अपने हमराह जो आते हो इधर से पहलेदश्त पड़ता है मियाँ इश्क़ में घर से पहले
जुस्तुजू खोए हुओं की उम्र भर करते रहेचाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे
आना न मिरी क़ब्र पे हमराह-ए-रक़ीबाँमुर्दे को मुसलमाँ के जलाया नहीं करते
मिरे हमराह क्यूँ वो शख़्स चलना चाहता हैसफ़र के जोश में क्या आगही गुम हो गई है
ऐ मिरे पाँव के छालो मिरे हम-राह रहोइम्तिहाँ सख़्त है तुम छोड़ के जाते क्यूँ हो
अपने हमराह ख़ुद चला करनाकौन आएगा मत रुका करना
याद-ए-माज़ी ग़म-ए-इमरोज़ उमीद-ए-फ़र्दाकितने साए मिरे हमराह चला करते हैं
याद-ए-माज़ी की पुर-असरार हसीं गलियों मेंमेरे हमराह अभी घूम रहा है कोई
मैं अपनी प्यास के हमराह मश्कीज़ा उठाएकि इन सैराब लोगों में कोई प्यासा मिलेगा
मेरे माहौल में हर सम्त बुरे लोग नहींकुछ भले भी मिरे हमराह चले आते हैं
इस तरह रेल के हमराह रवाँ है बादलसाथ जैसे कोई उड़ता हुआ मय-ख़ाना चले
वक़्त पूजेगा हमें वक़्त हमें ढूँडेगाऔर तुम वक़्त के हम-राह चलोगे यारो
मिरे हमराह गरचे दूर तक लोगों की रौनक़ हैमगर जैसे कोई कम है कभी मिलने चले आओ
साया-ए-अब्र से पूछो 'सरवत'अपने हमराह अगर ले जाए
सब्र बिन और कुछ न लो हमराहकूचा-ए-इश्क़ तंग है यारो
कुछ दूर आओ मौत के हमराह भी चलेंमुमकिन है रास्ते में कहीं ज़िंदगी मिले
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