aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "بتول"
आप की जानिब से आए तो उठा कर रख लिएपत्थरों से घर सजाने का कभी सोचा न था
उस से बिछड़ के दिल का हुआ है अजीब हालपाने की आरज़ू गई खोने का डर गया
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमेंऔर हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
नाम तुम्हारा हाथ पे लिखना याद रहाहम उस को तक़दीर बनाना भूल गए
बहुत कड़ा था वो लम्हा जुदा हुए जिस पलअजब है फिर भी मिरे तन में जान बाक़ी है
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन कोक्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमेंहम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया
वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े सेमैं ए'तिबार न करता तो और क्या करता
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता हैभूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछभूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है
इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीबइतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम
अब तो हर बात याद रहती हैग़ालिबन मैं किसी को भूल गया
नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गयाक्या है तेरा क्या है मेरा अपना पराया भूल गया
तुम भूल कर भी याद नहीं करते हो कभीहम तो तुम्हारी याद में सब कुछ भुला चुके
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएँ हमये भी बहुत है तुझ को अगर भूल जाएँ हम
भूल शायद बहुत बड़ी कर लीदिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली
नहीं नहीं हमें अब तेरी जुस्तुजू भी नहींतुझे भी भूल गए हम तिरी ख़ुशी के लिए
हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस काउसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे
जिस को तुम भूल गए याद करे कौन उस कोजिस को तुम याद हो वो और किसे याद करे
बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदीमुझे बता तो सही और काफ़िरी क्या है
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