आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بستا"
शेर के संबंधित परिणाम "بستا"
शेर
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
सिराज फ़ैसल ख़ान
शेर
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
अल्लामा इक़बाल
शेर
का'बा-ओ-दैर में अब ढूँड रही है दुनिया
जो दिल-ओ-जान में बस्ता था ख़ुदा और ही था
अमीता परसुराम मीता
शेर
इक मंज़र में पेड़ थे जिन पर चंद कबूतर बैठे थे
इक बच्चे की लाश भी थी जिस के कंधे पर बस्ता था
अंजुम तराज़ी
शेर
ज़मीं यख़-बस्ता हो जाती है जब जाड़ों की रातों में
मैं अपने दिल को सुलगाता हूँ अँगारे बनाता हूँ
सलीम अहमद
शेर
ज़माने के दरबार में दस्त-बस्ता हुआ है
ये दिल उस पे माइल मगर रफ़्ता रफ़्ता हुआ है
ख़ालिद इक़बाल यासिर
शेर
यख़-बस्ता हो चुकी हैं उमीदों की बस्तियाँ
इन में तिरे बदन की हरारत कहाँ से लाएँ