aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "جگہ"
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भीवो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ करया वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
चोरी चोरी हम से तुम आ कर मिले थे जिस जगहमुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है
इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसेंइतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़-दार में
अब दिल की तमन्ना है तो ऐ काश यही होआँसू की जगह आँख से हसरत निकल आए
इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगहख़ुद बनाता है जहाँ में आदमी अपनी जगह
बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने सेचमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका
सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैंख़ुद बना लेती है होंटों पर हँसी अपनी जगह
मिरी जगह कोई आईना रख लिया होतान जाने तेरे तमाशे में मेरा काम है क्या
तेग़-बाज़ी का शौक़ अपनी जगहआप तो क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
जब तुझे याद कर लिया सुब्ह महक महक उठीजब तिरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गई
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलानअँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
रहिए अब ऐसी जगह चल कर जहाँ कोई न होहम-सुख़न कोई न हो और हम-ज़बाँ कोई न हो
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ
कुछ खेल नहीं है इश्क़ करनाये ज़िंदगी भर का रत-जगा है
हर तरफ़ हर जगह बे-शुमार आदमीफिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी
कह तो सकता हूँ मगर मजबूर कर सकता नहींइख़्तियार अपनी जगह है बेबसी अपनी जगह
इक ज़माना था कि सब एक जगह रहते थेऔर अब कोई कहीं कोई कहीं रहता है
शोर दिन को नहीं सोने देताशब को सन्नाटा जगा देता है
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