aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "इसरार"
हमें इसरार मिलने पर तुम्हें इंकार मिलने सेन तुम मानो न हम मानें न ये कम हो न वो कम हो
एक दो बार तो रोकूँगा मुरव्वत में तुझेसैकड़ों बार तो इसरार नहीं कर सकता
टिमटिमाते रहें बुझती हुई यादों के चराग़दिल की वीरानी पे गर आप को इसरार न हो
इक़रार है कि दिल से तुम्हें चाहते हैं हमकुछ इस गुनाह की भी सज़ा है तुम्हारे पास
इक़रार में कहाँ है इंकार की सी ख़ूबीहोता है शौक़ ग़ालिब उस की नहीं नहीं पर
आँख रखते हो तो उस आँख की तहरीर पढ़ोमुँह से इक़रार न करना तो है आदत उस की
चश्म-ए-इंकार में इक़रार भी हो सकता थाछेड़ने को मुझे फिर मेरी अना पूछती है
न वो इक़रार करता है न वो इंकार करता हैहमें फिर भी गुमाँ है वो हमीं से प्यार करता है
मोहब्बत के इक़रार से शर्म कब तककभी सामना हो तो मजबूर कर दूँ
वो ख़ुदा है तो मिरी रूह में इक़रार करेक्यूँ परेशान करे दूर का बसने वाला
इंकार ही कर दीजिए इक़रार नहीं तोउलझन ही में मर जाएगा बीमार नहीं तो
ऐसे इक़रार में इंकार के सौ पहलू हैंवो तो कहिए कि लबों पे न तबस्सुम आए
ये और बात कि इक़रार कर सकें न कभीमिरी वफ़ा का मगर उन को ए'तिबार तो है
जब चाहा इक़रार किया है जब चाहा इंकार कियादेखो हम ने ख़ुद ही से ये कैसा अनोखा प्यार किया
किस बात पर तिरी मैं करूँ ए'तिबार हाएइक़रार यक तरफ़ है तो इंकार यक तरफ़
इक़रार-ए-मोहब्बत तो बड़ी बात है लेकिनइंकार-ए-मोहब्बत की अदा और ही कुछ है
साक़ी मिरी ख़मोश-मिज़ाजी की लाज रखइक़रार गर नहीं है तो इंकार भी नहीं
जाने कब कैसे गिरफ़्तार-ए-मोहब्बत हुए हमजाने कब ढल गए इक़रार में इंकार के रंग
तेरी दहलीज़ पे इक़रार की उम्मीद लिएफिर खड़े हैं तिरे इंकार के मारे हुए लोग
उन मस्त निगाहों ने ख़ुद अपना भरम खोलाइंकार के पर्दे में इक़रार नज़र आए
Jashn-e-Rekhta 10th Edition | 5-6-7 December Get Tickets Here
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books