आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दिल-आज़ारी"
शेर के संबंधित परिणाम "दिल-आज़ारी"
शेर
मैं आख़िर आदमी हूँ कोई लग़्ज़िश हो ही जाती है
मगर इक वस्फ़ है मुझ में दिल-आज़ारी नहीं करता
आसी करनाली
शेर
ले चला फिर मुझे दिल यार-ए-दिल-आज़ार के पास
अब के छोड़ आऊँगा ज़ालिम को सितमगार के पास
मुबारक अज़ीमाबादी
शेर
गिला किस से करें अग़्यार-ए-दिल-आज़ार कितने हैं
हमें मालूम है अहबाब भी ग़म-ख़्वार कितने हैं
अबुल मुजाहिद ज़ाहिद
शेर
जवानो नज़्र दे दो अपने ख़ून-ए-दिल का हर क़तरा
लिखा जाएगा हिन्दोस्तान को फ़रमान-ए-आज़ादी
नाज़िश प्रतापगढ़ी
शेर
हमारे दिल को इक आज़ार है ऐसा नहीं लगता
कि हम दफ़्तर भी जाते हैं ग़ज़ल-ख़्वानी भी करते हैं
इरफ़ान सिद्दीक़ी
शेर
एक दिन पूछा न 'हातिम' को कभू उस ने कि दोस्त
कब से तू बीमार है और क्या तुझे आज़ार है