आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "misl-e-parvaana"
शेर के संबंधित परिणाम "misl-e-parvaana"
शेर
मिस्ल-ए-परवाना फ़िदा हर एक का दिल हो गया
यार जिस महफ़िल में बैठा शम-ए-महफ़िल हो गया
जलील मानिकपूरी
शेर
शगुफ़्ता बाग़-ए-सुख़न है हमीं से ऐ 'साबिर'
जहाँ में मिस्ल-ए-नसीम-ए-बहार हम भी हैं
फ़ज़ल हुसैन साबिर
शेर
निकल गया मिरी आँखों से मिस्ल-ए-ख़्वाब-व-ख़याल
गुज़र गया दिल-ए-रौशन से वो नज़र बन कर
मज़ाक़ बदायूनी
शेर
शह-ज़ोर अपने ज़ोर में गिरता है मिस्ल-ए-बर्क़
वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले