आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mujtahid-e-vaqt"
शेर के संबंधित परिणाम "mujtahid-e-vaqt"
शेर
कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो
ऐ लोगो ख़ामोश रहो हाँ ऐ लोगो ख़ामोश रहो
इब्न-ए-इंशा
शेर
तुंदी-ए-सैल-ए-वक़्त में ये भी है कोई ज़िंदगी
सुब्ह हुई तो जी उठे, रात हुई तो मर गए
हज़ीं लुधियानवी
शेर
मुट्ठियों में ख़ाक ले कर दोस्त आए वक़्त-ए-दफ़्न
ज़िंदगी भर की मोहब्बत का सिला देने लगे
साक़िब लखनवी
शेर
यज़ीद-ए-वक़्त मिरा ख़ूँ बहाना चाहता है
वो कर्बला में मुझे फिर से लाना चाहता है
इम्तियाज़ दानिश नदवी
शेर
मसरूर-ओ-मुतमइन हैं बहुत ताजिरान-ए-वक़्त
क्या ज़िंदगी के ख़्वाब भी नीलाम हो गए