aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "pironaa"
अगर कट-फट गया था मेरा दामनतुम्हें सीना पिरोना चाहिए था
उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआअब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ
मस्जिद तो बना दी शब भर में ईमाँ की हरारत वालों नेमन अपना पुराना पापी है बरसों में नमाज़ी बन न सका
नए किरदार आते जा रहे हैंमगर नाटक पुराना चल रहा है
अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ परकब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते
तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैतेरे आगे चाँद पुराना लगता है
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिएमैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए
रंग ख़ुश्बू और मौसम का बहाना हो गयाअपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुईबदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई
इंसान के लहू को पियो इज़्न-ए-आम हैअंगूर की शराब का पीना हराम है
काँटों में घिरे फूल को चूम आएगी लेकिनतितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा
वही फ़िराक़ की बातें वही हिकायत-ए-वस्लनई किताब का एक इक वरक़ पुराना था
वही चराग़ बुझा जिस की लौ क़यामत थीउसी पे ज़र्ब पड़ी जो शजर पुराना था
जाती है धूप उजले परों को समेट केज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के
ये लम्हा लम्हा तकल्लुफ़ के टूटते रिश्तेन इतने पास मिरे आ कि तू पुराना लगे
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ीहुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का
कभी कभी तो किसी अजनबी के मिलने परबहुत पुराना कोई सिलसिला निकलता है
लर्ज़ां है किसी ख़ौफ़ से जो शाम का चेहराआँखों में कोई ख़्वाब पिरोने नहीं देता
चेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतेंदीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे
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