aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "tuubaa"
दिल अभी पूरी तरह टूटा नहींदोस्तों की मेहरबानी चाहिए
निगाहें इस क़दर क़ातिल कि उफ़ उफ़अदाएँ इस क़दर प्यारी कि तौबा
की मिरे क़त्ल के बाद उस ने जफ़ा से तौबाहाए उस ज़ूद-पशीमाँ का पशीमाँ होना
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैजाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहींएक ज़रा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं
शब को मय ख़ूब सी पी सुब्ह को तौबा कर लीरिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई
उन के रुख़्सार पे ढलके हुए आँसू तौबामैं ने शबनम को भी शोलों पे मचलते देखा
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ीबादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
बात साक़ी की न टाली जाएगीकर के तौबा तोड़ डाली जाएगी
उरूज-ए-आदम-ए-ख़ाकी से अंजुम सहमे जाते हैंकि ये टूटा हुआ तारा मह-ए-कामिल न बन जाए
गुज़रे हैं मय-कदे से जो तौबा के ब'अद हमकुछ दूर आदतन भी क़दम डगमगाए हैं
टूटा तो हूँ मगर अभी बिखरा नहीं 'फ़राज़'मेरे बदन पे जैसे शिकस्तों का जाल हो
लिखा था एक तख़्ती पर कोई भी फूल मत तोड़े मगर आँधी तो अन-पढ़ थीसो जब वो बाग़ से गुज़री कोई उखड़ा कोई टूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
गर कभी रोना ही पड़ जाए तो इतना रोनाआ के बरसात तिरे सामने तौबा कर ले
शिरकत गुनाह में भी रहे कुछ सवाब कीतौबा के साथ तोड़िए बोतल शराब की
वो कौन हैं जिन्हें तौबा की मिल गई फ़ुर्सतहमें गुनाह भी करने को ज़िंदगी कम है
मिरी तरफ़ से तो टूटा नहीं कोई रिश्ताकिसी ने तोड़ दिया ए'तिबार टूट गया
आप पछताएँ नहीं जौर से तौबा न करेंआप के सर की क़सम 'दाग़' का हाल अच्छा है
नज़राना तेरे हुस्न को क्या दें कि अपने पासले दे के एक दिल है सो टूटा हुआ सा है
हाए 'सीमाब' उस की मजबूरीजिस ने की हो शबाब में तौबा
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