आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mizaaj-e-muqaddas"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "mizaaj-e-muqaddas"
ग़ज़ल
एक मंज़र पर नज़र ठहरे तो ठहरे किस तरह
हम मिज़ाज-ए-गर्दिश-ए-अय्याम ले कर आए हैं
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
मिज़ाज-ए-अहल-ए-दिल की इम्तियाज़ी शान तो देखो
जो दुश्मन जान-ओ-दिल का है उसी से प्यार हो जाए
कँवल एम ए
ग़ज़ल
जिन को रह के काँटों में ख़ुश-मिज़ाज होना था
वो मक़ाम-ए-गुल पा कर बे-दिमाग़ हैं यारो
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
आले रज़ा रज़ा
ग़ज़ल
आओ मिज़ाज-पुर्सी-ए-दीवार-ओ-दर करें
मुद्दत से हम थे क़ैद अब इन की ख़बर लें हम