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ग़ज़ल
शबीना अदीब
ग़ज़ल
शोहरत से तेरी ख़ुश जो बहुत है, ये है ख़िरद
और ये जो तुझ में तुझ से ख़फ़ा है, ये इश्क़ है
इरफ़ान सत्तार
ग़ज़ल
निगाहें ताड़ लेती हैं मोहब्बत की अदाओं को
छुपाने से ज़माने भर की शोहरत और होती है