आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بسایا"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "بسایا"
ग़ज़ल
किस ने बसाया था और उन को किस ने यूँ बर्बाद किया
अपने लहू की बू आती है इन उजड़े बाज़ारों से
वामिक़ जौनपुरी
ग़ज़ल
कुछ भूली-बिसरी यादों का अलबेला शहर बसाया है
कोई वक़्त मिले तो आ निकलो यहीं मिलता हूँ यहीं रहता हूँ