आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بوریے"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "بوریے"
ग़ज़ल
पड़ा रहने दो अपने बोरिए पर हम फ़क़ीरों को
फटी रह जाएँगी आँखें जो मुट्ठी खोल दी हम ने
मुनव्वर राना
ग़ज़ल
'असद' को बोरिए में धर के फूँका मौज-ए-हस्ती ने
फ़क़ीरी में भी बाक़ी है शरारत नौजवानी की
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
घर में जो मुझ फ़क़ीर के वो शाह-ए-हुस्न आए
मिज़्गाँ के बोरिए जो खड़े हैं बिछाऊँ मैं
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
मोहम्मद ओवैस मालिक
ग़ज़ल
हो नहीं सकती अना इक ख़ाकसारी से बुलंद
बोरिए में जो मसर्रत है वो सोफ़े में नहीं
मक़सूद अनवर मक़सूद
ग़ज़ल
पुर्सिश-ए-अहवाल पर जुज़-शुक्र कुछ कहते नहीं
बोरिए पर भी मिज़ाज-ए-अहल-ए-दिल शाहाना है