आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "بھیانک"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "بھیانک"
ग़ज़ल
दिन में हँस कर मिलने वाले चेहरे साफ़ बताते हैं
एक भयानक सपना मुझ को सारी रात डराएगा
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
ये तन्हाई ये सन्नाटा दिल को मगर समझाए कौन
इतनी भयानक रात में आख़िर मिलने वाला आए कौन
फ़ज़्ल ताबिश
ग़ज़ल
आले रज़ा रज़ा
ग़ज़ल
शमीम जयपुरी
ग़ज़ल
कौन था क़ाइल-ए-क़हर होना था जिस को अभी
टूट कर जिस पे बरसी भयानक घटा कौन था
राजेन्द्र मनचंदा बानी
ग़ज़ल
ये रात भयानक हिज्र की है काटेंगे बड़े आलाम से हम
टलने की नहीं ये काली बला समझे हुए थे शाम से हम
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
तीरगी शाम-ए-लहद की है भयानक लेकिन
है ये उतरा हुआ जामा शब-ए-तन्हाई का
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
ग़ज़ल
कौन आएगा नंगे पैरों शम्अ जला कर शाम ढले
'प्रेम' मोहब्बत की मंज़िल के बड़े भयानक रस्ते हैं
प्रेम वारबर्टनी
ग़ज़ल
कहाँ ग़ाएब हुआ वो घर परिंदे से ज़रा पूछो
भयानक आँधियों का डर परिंदे से ज़रा पूछो