आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "حال_ابتر"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "حال_ابتر"
ग़ज़ल
अपने ख़ालिक़ की अता पर नाज़ होना चाहिए
जो हसद रखते हैं उन का हाल अबतर ही तो है
फ़ातिमा वसीया जायसी
ग़ज़ल
क्या कहूँ क़िस्सा-ए-दिलचस्पी-ए-हाल-ए-अबतर
दोस्तों ने मुझे अग़्यार से बढ़ कर देखा
अब्दुल हादी वफ़ा
ग़ज़ल
हफ़ीज़ ताईब
ग़ज़ल
हिज्र की आग में जला आठ पहर 'नियाज़' को
तुझ को जुनूँ का वास्ता हालत-ए-अबतरी न देख