आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "سہل_طلب"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "سہل_طلب"
ग़ज़ल
हो सई-ए-तलब या तर्क-ए-तलब हर इक में रहे नाकाम से हम
आराम की ख़ातिर क्या न किया महरूम रहे आराम से हम
ज़ुबैर इर्तज़ा
ग़ज़ल
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
परवीन शाकिर
ग़ज़ल
जिसे सुने हुए 'तिश्ना' ज़माना बीत गया
कहीं वो साज़-ए-तरब फिर छिड़ा तो क्या होगा