आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "شوخ_شمائل"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "شوخ_شمائل"
ग़ज़ल
मैं पहरों घर में पड़ा दिल से बात करता हूँ
जब उस के शक्ल-ओ-शमाइल से बात करता हूँ
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
शौक़-ए-ख़राश-ए-ख़ार मिरे दिल में रह गया
पा-ए-तलाश पहली ही मंज़िल में रह गया