आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "فانوس"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "فانوس"
ग़ज़ल
दिल ही फ़ानूस-ए-हवा दिल ही ख़स-ओ-ख़ार-ए-हवस
देखना ये है कि उस का क़ुर्ब क्या रौशन करे
इरफ़ान सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
इक फ़ानूस है जिस में अपनी रूह 'मतीन' सुलगती है
भीगना जब ठहरा तो उसी फ़ानूस के अंदर भीगेंगे
ग़यास मतीन
ग़ज़ल
शब कि वो मजलिस-फ़रोज़-ए-ख़ल्वत-ए-नामूस था
रिश्ता-ए-हर-शम'अ ख़ार-ए-किस्वत-ए-फ़ानूस था
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
'आशिक़ों के दिल में शब फ़ानूस रौशन हो गए
शम' का जीना है लाज़िम अपने परवानों के साथ