aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "نڈھال"
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दियाइश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
चुप चुप मकान रास्ते गुम-सुम निढाल वक़्तइस शहर के लिए कोई दीवाना चाहिए
हर एक जिस्म रूह के अज़ाब से निढाल हैहर एक आँख शबनमी हर एक दिल फ़िगार है
ग़ारत-ए-रोज़-ओ-शब तो देख वक़्त का ये ग़ज़ब तो देखकल तो निढाल भी था मैं आज निढाल भी नहीं
मेरे आसाब दे रहे हैं जवाबहौसला कब निढाल है मेरा
वो शोख़ रमीदा मुझ को अपनीबाँहों में निढाल चाहिए था
कौन सा क़ाफ़िला है ये जिस के जरस का है ये शोरमैं तो निढाल हो गया हम तो निढाल हो गए
कल तो निकला था बहुत सज-धज केआज लौटा तो निढाल आया है
मैं रेज़ा रेज़ा तो होता हूँ हर शिकस्त के बा'दमगर निढाल बहुत देर तक नहीं रहता
वो हिज्र के मौसमों से उलझीथकी थकी सी निढाल आँखें
ताज़ा-दम जिस्म-ओ-जाँ थे फ़ुर्क़त मेंवस्ल उस का निढाल छोड़ गया
मेहराब में दिए की तरह ज़िंदगी गुज़ारमुँह-ज़ोर आँधियों में न ख़ुद को निढाल कर
ख़ुशी सी मिलती है ख़ुद को अज़िय्यतें दे करसो जान-बूझ के दिल को निढाल रखते हैं
मैं हूँ तिरा ख़याल है और चाँद-रात हैदिल दर्द से निढाल है और चाँद-रात है
अब शहर-ए-आरज़ू में वो रानाइयाँ कहाँहैं गुल-कदे निढाल बड़ी तेज़ धूप है
कोई आवाज़ न आहट न ख़याल ऐसे मेंरात महकी है मगर जी है निढाल ऐसे में
मसाफ़त-ए-शब-ए-हिज्राँ में चाँद भी 'अजमल'थकन से चूर ग़मों से निढाल हो गया है
फैले हुए हैं शहर में साए निढाल सेजाएँ कहाँ निकल के ख़यालों के जाल से
साया थक के निढाल होता हैऐसा कुछ मेरा हाल होता है
क्या छुपाते किसी से हाल अपनाजी ही जब हो गया निढाल अपना
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books