आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "نیرنگیاں"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "نیرنگیاں"
ग़ज़ल
करिश्मे हैं कि नक़्काश-ए-अज़ल नैरंगियाँ तेरी
जहाँ में माइल-ए-रंग-ए-फ़ना हर नक़्श-ए-हस्ती है
बेदम शाह वारसी
ग़ज़ल
हम ने ये नैरंगियाँ भी दहर की देखीं कि लोग
दोस्त हैं मक़्तूल के और हम-नवा क़ातिल के हैं
सलीम अहमद
ग़ज़ल
कम न थीं यूँ भी तो 'ख़ालिद' इश्क़ की नैरंगियाँ
आप के आने से मौसम और सुहाना हो गया
ख़ालिद नदीम बदायूनी
ग़ज़ल
लोग सुब्ह ओ शाम की नैरंगियाँ देखा किए
और हम चुप-चाप माज़ी के निशाँ देखा किए
हसन नज्मी सिकन्दरपुरी
ग़ज़ल
वफ़ूर-ए-इश्क़ की नैरंगियाँ अरे तौबा
जो दिल में दर्द है वो दिल की दास्ताँ में नहीं
हीरा लाल फ़लक देहलवी
ग़ज़ल
मिरी नैरंगियाँ छाने लगी हैं रंग-ए-महफ़िल पर
बहुत कुछ फ़र्क़ 'याक़ूब' आ चला है दास्तानों में