आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ٹوٹے"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ٹوٹے"
ग़ज़ल
जावेद अख़्तर
ग़ज़ल
फ़ना बुलंदशहरी
ग़ज़ल
शाम से पहले वो मस्त अपनी उड़ानों में रहा
जिस के हाथों में थे टूटे हुए पर शाम के बा'द
फ़रहत अब्बास शाह
ग़ज़ल
मिरे अशआ'र ऐ 'इक़बाल' क्यूँ प्यारे न हों मुझ को
मिरे टूटे हुए दिल के ये दर्द-अंगेज़ नाले हैं
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
सहर-ए-दम किर्चियाँ टूटे हुए ख़्वाबों की मिलती हैं
तो बिस्तर झाड़ कर चादर हटा कर देख लेता हूँ
अहमद मुश्ताक़
ग़ज़ल
मिरे टूटे हुए पा-ए-तलब का मुझ पे एहसाँ है
तुम्हारे दर से उठ कर अब कहीं जाया नहीं जाता
मख़मूर देहलवी
ग़ज़ल
दाएरे इंकार के इक़रार की सरगोशियाँ
ये अगर टूटे कभी तो फ़ासला रह जाएगा