आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "کسا"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "کسا"
ग़ज़ल
ज़र्द ज़ाहिद है तो क्या खोट अभी है दिल में
'ज़ौक़' उस ज़र को कसौटी पे कसा लगता है
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
अदालत की कसौटी पर कसा जाता है जब मुजरिम
क़लम की एक जुम्बिश सारे हीले काट देती है
क़ाज़ी अब्ब्दुर्रऊफ़ अंजुम
ग़ज़ल
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले