आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "گیہوں"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "گیہوں"
ग़ज़ल
गेहूँ चावल बाँटने वाले झूटा तौलें तो क्या बोलें
यूँ तो सब कुछ अंदर बाहर जितना तेरा उतना मेरा
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
नहीं है गेहूँ मयस्सर तो जौ ग़नीमत है
नहीं है हूर जो बीवी सियाह-फ़ाम तो है
वहिद अंसारी बुरहानपुरी
ग़ज़ल
नसीम फ़ातिमा नज़र लखनवी
ग़ज़ल
कहानी तुम ने गेहूँ की जो दस्तरख़्वान पर छेड़ी
सभों को हो गया धोका कि तुम भी कोई कामिल हो