आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "अबदी"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "अबदी"
ग़ज़ल
देखिए सुब्ह-ए-जुनूँ ज़ेहन में कब तालए हो
अक़्ल सुनता हूँ कि है इक अबदी रात ऐ 'जोश'
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
क्या करें जी के ये जीना भी कोई जीना है
जब हयात-ए-अबदी मिलती है मर जाने से
मिर्ज़ा क़ादिर बख़्श साबिर देहलवी
ग़ज़ल
ग़म जहाँ में वो रफ़ीक़-ए-अबदी है अपना
जिस ने हर हाल में दिल शाद किया है बरसों
अनवारूल हसन अनवार
ग़ज़ल
ज़िक्र आया था हयात-ए-अबदी का 'ताबाँ'
लोग क्यूँ तकने लगे कूचा-ए-क़ातिल की तरफ़
ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ
ग़ज़ल
दिल को भी दी गई है ख़िदमत-ए-दर्द-ए-अबदी
सिर्फ़ आँखें ही मिरी रोने पे मा'मूर नहीं
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
ग़ज़ल
इश्क़ में मौत से मिलती है हयात-ए-अबदी
इश्क़ की मौत तो अंजाम भी आग़ाज़ भी है