आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आज़ुर्दा-दिली"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "आज़ुर्दा-दिली"
ग़ज़ल
मय-ख़ाने में आजिज़ हुए आज़ुर्दा-दिली से
मस्जिद का न रक्खा हमें आशुफ़्ता-सरी ने
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
नहीं हो पाएगी तुझ पर अयाँ आज़ुर्दगी दिल की
छुपा रक्खी निहाँ-ख़ानों में है अफ़्सुर्दगी दिल की
सबीन यूनुस
ग़ज़ल
इज्तिबा रिज़वी
ग़ज़ल
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
ख़याल-ए-मर्ग कब तस्कीं दिल-ए-आज़ुर्दा को बख़्शे
मिरे दाम-ए-तमन्ना में है इक सैद-ए-ज़बूँ वो भी
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
दिल-ए-आज़ुर्दा है लबरेज़-ए-हदीस-ए-ग़म-ए-इश्क़
मैं अगर चाहूँ तो हर साँस इक अफ़्साना बने