आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उम्मत-ए-मरहूम"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "उम्मत-ए-मरहूम"
ग़ज़ल
शुक्र-ए-ख़ुदा-ए-पाक है ऐ 'नादिर'-ए-हज़ीं
उम्मत में हम रसूल की कहलाए जाते हैं
कल्ब-ए-हुसैन नादिर
ग़ज़ल
ख़्वाब आख़िर ख़्वाब है इस ख़्वाब का क्या ए'तिबार
जन्नत-ए-नज़्ज़ारा गोया जन्नत-ए-मौहूम है
उरूज ज़ैदी बदायूनी
ग़ज़ल
तज़्किरा देहली-ए-मरहूम का ऐ दोस्त न छेड़
न सुना जाएगा हम से ये फ़साना हरगिज़
अल्ताफ़ हुसैन हाली
ग़ज़ल
हम भी ब-क़ौल 'फ़ानी'-ए-मरहूम इन दिनों
हिन्दोस्ताँ में रहते हैं हिन्दोस्ताँ से दूर