aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "किराया"
बिठा के रिक्शे में कल शब रवाना करते हुएदिया जो मैं ने किराया तो बाप रोने लगा
ये दबदबा ये हुकूमत ये नश्शा-ए-दौलतकिराया-दार हैं सब घर बदलते रहते हैं
किराया तो दो कुछ मोहब्बत का मुझ कोजो मुद्दत से मेरे ही दिल में रही तुम
कहलाए जिस में रह के हमेशा किराया-दारक्या उन्स हो मकीन को ऐसे मकान से
किराया-दारी वसीला है अपने जीने कातुम आना चाहो तो दिल का मकान ख़ाली है
क्यों परेशान रहा करते थे वालिद मेरेआज महसूस हुआ घर का किराया दे कर
नहीं रहना मुझे अपनों के दिल मेंबड़ा भारी किराया जा रहा है
बदन-सराए में ठहरा हुआ मुसाफ़िर हूँचुका रहा हूँ किराया मैं चंद साँसों का
नसीब देखिए मालिक तो हो गया बे-घरकिराया-दार अभी तक उसी मकान में है
जो कुछ मुझ से कमाया जा रहा हैमहज़ घर का किराया जा रहा है
बदन से अब हो रहा हूँ रुख़्सतअदा नहीं कर सका किराया
किराया-दार बदलना तो उस का शेवा थानिकाल कर वो बहुत ख़ुश हुआ मकाँ से मुझे
मुझ को रख ले समेट कर दिल मेंमैं तिरी आँख का किराया हूँ
ऐ ग़मो आओ तुम मेरे दिल में रहोइस हवेली का कोई किराया नहीं
हम चाहते थे दिल में रहे 'उम्र-भर मगरमुफ़्लिस थे इस क़दर कि किराया न दे सके
नहीं देते किराया साल भर सेकहो उन से कि निकलें मेरे घर से
बड़ा वीराना है दिल तेरा 'वत्सल'मकाँ को इस किराया-दार दे दो
यहाँ से तुम को अकेले ही लौटना होगामोहब्बतों के सफ़र का यही किराया है
वो इक जगह न कहीं रह सका और उस के साथकिराया-दार थे हम भी मकाँ बदलते रहे
आज फिर पास अपने किराया न थामदरसे पा-पियादा ही जाना पड़ा
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