आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ख़ैरियत"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ख़ैरियत"
ग़ज़ल
कभी सोचा है कैसे ख़ैरियत से घर पहुँचते हो
ये सब किस की दु'आएँ हैं हिफ़ाज़त कौन करता है
महशर आफ़रीदी
ग़ज़ल
खुल गई थी साफ़ गर्दूं की हक़ीक़त ऐ 'मजाज़'
ख़ैरियत गुज़री कि शाहीं ज़ेर-ए-दाम आ ही गया
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
हमें मालूम है हम ख़ैरियत से आफ़ियत से हैं
मगर हम एहतियातन दोश पर सर देख लेते हैं