आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तख़्ता-ए-दार"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "तख़्ता-ए-दार"
ग़ज़ल
तख़्ता-ए-दार पे लाई निगह-ए-नाज़ मुझे
'इश्क़ ने मान लिया साहिब-ए-ए'ज़ाज़ मुझे
मुनव्वर ताबिश सम्भली
ग़ज़ल
तख़्ता-ए-दार पे चढ़ जाएगी सच की ख़ातिर
ये ज़बाँ लहजा-ए-बेबाक से वाबस्ता है
ख़्वाजा तारिक़ उस्मानी
ग़ज़ल
मसनद-ए-लाला-ओ-रैहाँ हो कि हो तख़्ता-ए-दार
हम-नशीं चारा-ए-आशुफ़्ता-सरी मुश्किल है
रविश सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
नरेश एम. ए
ग़ज़ल
ज़माना क़िस्सा-ए-दार-ओ-रसन को भूल न जाए
किसी के हल्क़ा-ए-गेसू में वो कशिश ही नहीं