आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तनफ़्फ़ुस"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "तनफ़्फ़ुस"
ग़ज़ल
रहेंगे साथ फिर भी हम मोहब्बत मर गई क्या ग़म
कि मसनूई तनफ़्फ़ुस पर गुज़ारा हो भी सकता है
आरिफ़ा शहज़ाद
ग़ज़ल
बद्र-ए-आलम ख़लिश
ग़ज़ल
मौत कहते हैं जिसे ज़ब्त की तकमील न हो
कि तनफ़्फ़ुस पे भी फ़रियाद का धोका है मुझे
हरी चंद अख़्तर
ग़ज़ल
ज़िंदगी नाम तनफ़्फ़ुस का नहीं है जानाँ
शिकवा बे-जा है कि बिन तेरे भी मैं ज़िंदा हूँ
ख़ालिद मुबश्शिर
ग़ज़ल
तनफ़्फ़ुस मुश्क-अफ़्शाँ है तकल्लुम बर्क़-ए-जुम्बाँ है
तबस्सुम है कि गोया नूर की यलग़ार हो जाए
ख़लील-उर-रहमान राज़
ग़ज़ल
कुछ उजरत-ए-हस्ती भी नहीं अपने मुताबिक़
कुछ कार-ए-तनफ़्फ़ुस में मशक़्क़त भी बहुत है
ग़ज़नफ़र हाशमी
ग़ज़ल
क़ल्ब से उठती हुई शाख़-ए-तमव्वुज हुक्म दे
क्या तनफ़्फ़ुस के शरर से बाग़ सारा फूँक दूँ
अहमद जहाँगीर
ग़ज़ल
ज़िंदा हूँ अब भी गर है तनफ़्फ़ुस का नाम ज़ीस्त
सीने में कोई चीज़ जो ज़िंदा थी मर गई
मुस्लिम सलीम
ग़ज़ल
लहू को भी तनफ़्फ़ुस ही रवाँ रखता है ख़लियों में
बहे सहरा में भी कश्ती अगर ज़ोर-ए-दुख़ानी हो
तफ़ज़ील अहमद
ग़ज़ल
चराग़-ए-तनफ़्फ़ुस बुझा चाहता है
ख़ुदा जाने अब क्या ख़ुदा चाहता है