आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तरन्नुम-ख़ेज़"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "तरन्नुम-ख़ेज़"
ग़ज़ल
फ़साना जौर-ए-बेहद का कभी दोहरा नहीं सकता
करम हर्फ़-ए-शिकायत बन के लब पर आ नहीं सकता
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "तरन्नुम-ख़ेज़"
फ़साना जौर-ए-बेहद का कभी दोहरा नहीं सकता
करम हर्फ़-ए-शिकायत बन के लब पर आ नहीं सकता