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ग़ज़ल
ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने की अगर ख़्वाहिश है दिल में
तो जवानी में हमें कुछ बचपना लाना पड़ेगा
निकिता पारीक
ग़ज़ल
वो बचपना वो मोहब्बत भुलाए कब हम ने
वो सूखे फूल तिरे ख़त और उस रूमाल के दुख