aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "बे-हयाई"
ज़िंदा फिरने की है हवस 'हाली'इंतिहा है ये बे-हयाई की
ऐ असर कर न इंतिज़ार-ए-दुआमाँगना सख़्त बे-हयाई है
उँगलियाँ उठती हैं ख़ुदाई कीहत तिरी ऐसी बे-हयाई की
इस दौर-ए-बे-हयाई में कुछ बोलता नहींउस शख़्स में जनाब शराफ़त अभी भी है
तिरी ये बे-हयाई और तग़ाफ़ुलरक़ीबों को इशारा कर रहे हैं
हवा की बे-हयाई क्या बताएँबहुत मुश्किल ज़माना हो गया है
बे-लिबासी पैराहन पे ख़ंदा-ज़नबे-हयाई एक कारोबार है
मगस-ए-क़ाब अग़निया होना हैबे-हयाई नहीं तो फिर क्या है
मिरी ग़ुर्बत-ए-सहर का न थका ग़ुरूर वर्नामैं चमन से माँग लेता कोई शाम-ए-बे-हयाई
बे-हयाई की ओढ़ ली चादरपहले वो आब आब था न रहा
हवस में ज़र की इतनी बे-हयाईनमक रोटी में क्या राहत नहीं है
धोका फ़रेब नफ़रत हर गाम बे-हयाईबेज़ार दिल है मेरा मालिक तिरे जहाँ से
नाचार इख़्तियार किया शेवा-ए-रक़ीबकुछ बे-हयाई ख़ूब हैं गुज़रे हया से हम
ख़ुद को पहचाने तो इंसाँ क्यूँ रहे पाबंद-ए-ग़ैरये कमाल-ए-बे-हयाई है ज़वाल-ए-हिस के बअ'द
सारी दुनिया ढल रही है मग़रिबी तहज़ीब मेंबे-हयाई अब मिरी पोशाक हो जाएगी क्या
बे-हयाई बेवफ़ाई बे-यक़ीनी बे-हिसीकैसे कैसे ख़ंजरों की धार दुनिया हो गई
मुझे पसंद नहीं बे-हयाई दुनिया कीकोई समेट ले आ कर तमीज़ का यूँ भरम
लिबास-ए-जिस्म तो मौजूद है अभी तुझ परबरहना होना मिरी जान बे-हयाई नहीं
वो छेड़ा करती है मर्दों को राह चलते मेंख़ुदा किसी को न इस दर्जा बे-हयाई दे
बे-हयाई के साए ग़ालिब आ गए हम परआज-कल तमद्दुन के ज़ाविए भी ज़ख़्मी हैं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books