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ग़ज़ल
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
मिसाल-ए-गंज-ए-क़ारूँ अहल-ए-हाजत से नहीं छुपता
जो होता है सख़ी ख़ुद ढूँड कर साइल से मिलता है
दाग़ देहलवी
ग़ज़ल
वो आ के ख़्वाब में तस्कीन-ए-इज़्तिराब तो दे
वले मुझे तपिश-ए-दिल मजाल-ए-ख़्वाब तो दे