आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मिन"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "मिन"
ग़ज़ल
बे-मौसम बारिश की सूरत देर तलक और दूर तलक
तेरे दयार-ए-हुस्न पे मैं भी किन-मिन किन-मिन बरसूँगा
अमजद इस्लाम अमजद
ग़ज़ल
जान कर मिन-जुमला-ए-ख़सान-ए-मय-ख़ाना मुझे
मुद्दतों रोया करेंगे जाम ओ पैमाना मुझे
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
मेरे ग़म-ख़ाने की क़िस्मत जब रक़म होने लगी
लिख दिया मिन-जुमला-ए-असबाब-ए-वीरानी मुझे
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
हुआ है हुक्म ये मिन-जानिब-ए-शह-ए-ज़ुल्मात
हुदूद-ए-शहर-ए-सियह छोड़ दे दिवाना-ए-शब
अरशद जमाल सारिम
ग़ज़ल
बीते सावन कह रहे हैं ये छमा-छम थे कभी
अब तो हैं गोया फ़क़त किन-मिन ये मेरे रात-दिन
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
वो कहते हैं कि है टूटे हुए दिल पर करम मेरा
मगर मिन-जुमला-ए-आदाब-ए-ग़म-ख़्वारी है ग़म मेरा
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
जो हाल-ए-दिल है मिन-ओ-अन रक़म किया जाए
कि अब ज़रूरत-ए-तश्बीह-ओ-इस्तिआ'रा नहीं