आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "राह-ए-सफ़र"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "राह-ए-सफ़र"
ग़ज़ल
राह-ए-उल्फ़त में मिले हर आबलों को सह गया
क्या दुखेंगे ज़ख़्म अब ख़ुद ख़ार दुखने लगते हैं
शिव सफ़र
ग़ज़ल
मैं गर्द-ए-राह-ए-सफ़र था कहाँ था नक़्श मिरा
अलग अलग था मैं सब से कमाल ऐसा था