आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रिवायात"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "रिवायात"
ग़ज़ल
हम रिवायात के मुनकिर नहीं लेकिन 'मजरूह'
ज़मज़मा-संज मिरा ख़ून-ए-जिगर है कि नहीं
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
ज़ेहन ज़िंदा है मगर अपने सवालात के साथ
कितने उलझाओ हैं ज़ंजीर-ए-रिवायात के साथ