आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "रोज़-ए-अज़ल"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "रोज़-ए-अज़ल"
ग़ज़ल
मुझ को मिरे नसीब ने रोज़-ए-अज़ल से क्या दिया
दौलत-ए-दो-जहाँ न दी इक दिल-ए-मुब्तला दिया
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
ख़ुदा से रोज़-ए-अज़ल किस ने इख़्तिलाफ़ किया
वो आदमी तो न था जिस ने इंहिराफ़ किया
सैयद फ़ख़्रुद्दीन बल्ले
ग़ज़ल
सैद हूँ रोज़-ए-अज़ल से आलम-ए-असबाब का
और वा रखता हूँ सीने में दरीचा ख़्वाब का
ग़ुलाम हुसैन साजिद
ग़ज़ल
बशर रोज़-ए-अज़ल से शेफ़्ता है शान-ओ-शौकत का
अनासिर के मुरक़्क़े में भरा है नक़्श दौलत का
इमदाद अली बहर
ग़ज़ल
याद है रोज़-ए-अज़ल उस ने कहा क्या क्या कुछ
बर-ख़िलाफ़ इस के यहाँ तू ने किया क्या क्या कुछ
मिर्ज़ा मासिता बेग मुंतही
ग़ज़ल
रोज़-ए-अज़ल हो या अबद दोनों हैं हम-कनार-ए-इश्क़
इश्क़ है राज़-दार-ए-हुस्न हुस्न है राज़दार-ए-इश्क़
अब्दुल मजीद दर्द भोपाली
ग़ज़ल
अमीर मीनाई
ग़ज़ल
अपनी नाकामी-ए-तक़दीर पे रोने वाले
वा'दा-ए-रोज़-ए-अज़ल तू ने कभी याद किया