आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ला-फ़ानी"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ला-फ़ानी"
ग़ज़ल
वो अजब दौर-ए-मोहब्बत था ज़माना था न वक़्त
जैसे दोनों हों किसी आलम-ए-ला-फ़ानी में
रज़ी अख़्तर शौक़
ग़ज़ल
इश्क़ की हालत कुछ भी नहीं थी बात बढ़ाने का फ़न था
लम्हे ला-फ़ानी ठहरे थे क़तरों की तुग़्यानी थी
जौन एलिया
ग़ज़ल
है अज़ल की इस ग़लत बख़्शी पे हैरानी मुझे
इश्क़ ला-फ़ानी मिला है ज़िंदगी फ़ानी मुझे