aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "समझदार"
कोई पागल ही मोहब्बत से नवाज़ेगा मुझेआप तो ख़ैर समझदार नज़र आते हैं
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखाकश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
मशवरा लेने की नौबत ही नहीं आ पातीएक से एक समझदार पड़ा है मुझ में
वो बुलाता है जिसे प्यार से अपनी जानिबमैं तो पागल हूँ समझदार चले आते हैं
उसे मश्वरों की ज़रूरत नहींवो तुम से ज़ियादा समझदार है
आएगी हश्र की नासेह की समझ में क्या ख़ाकजब समझदार समझते नहीं समझाने से
जब थे कम-उम्र समझदार नहीं होते थेउन दिनों लोग अदाकार नहीं होते थे
यूँ अपने आप को बर्बाद करता है कोईऐ मेरे दिल तू समझदार है नहीं है क्या
ये अलग बात वो था दौर-ए-जहालत लेकिनलोग अन-पढ़ भी समझदार हुआ करते थे
उलझनें ले के चले आते हैं बस्ती के मकींकितने नादाँ हैं समझदार समझते हैं मुझे
तेरी पलकों के इशारे को समझ जाते थेहम कभी इतने समझदार हुआ करते थे
कुछ समझदार तो हैं ना'श उठाने वालेले चले हैं मुझे इस राहगुज़र से पहले
बातों बातों में मुझे उस ने कही दिल की बातमैं समझता था समझदार नहीं खुलते हैं
वक़्त कैसा भी हो तुम साथ निभाना सीखोपेड़ हर साल समर-दार नहीं रहता है
जो भी करता है मोहब्बत तुझ सेवो समझदार नहीं हो सकता
उस ने नादान हो, कह कर हमें उकसाया थाउम्र भर उस को समझदार नहीं होने दिया
हँसिए जनाब देर तक अब अपने आप परकिस ने कहा था ख़ुद को समझदार जानिए
पर्दे की बात पर्दे पे खुल कर जो आ गईबच्चे समय से पहले समझदार हो गए
शतरंज जैसी मुझ को लगे है ये ज़िंदगीचलना हर एक चाल समझदार की तरह
ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारीमैं हूँ इस पार तो उस पार है दुनिया सारी
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