आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सुख़न-फ़हम"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "सुख़न-फ़हम"
ग़ज़ल
मेरे अश'आर को मे'यार का ए'ज़ाज़ मिला
जान-ए-जाँ मेरा सुख़न-फ़हम-ओ-सुख़न-दाँ निकला
अबरार किरतपुरी
ग़ज़ल
ज़ाहिरा देख सुख़न-फ़हम सुख़न 'आफ़रीदी'
ग़ैर-मख़्लूक़ सुख़न मा'नी-ए-क़ुरआन में ढूँढ
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
ग़ज़ल
अहबाब क़द्र-दाँ हैं सुख़न-फ़हम ऐ 'वफ़ा'
फिर तू बता कि तेरी ग़ज़ल का सिला है क्या
अब्दुल हादी वफ़ा
ग़ज़ल
मिरे अंदर का सुख़न-फ़हम सलामत है अभी
ख़्वाब में 'मीर' का इक शे'र सुनाता है कोई
सय्यद सोहैब हाशमी
ग़ज़ल
मसनद-ए-दर्स-ए-सुख़न पर भी सुख़न-फ़हम नहीं
सिर्फ़ ग़ालिब के तरफ़-दार हुआ करते हैं