aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "हम-साया"
कोई साया न कोई हम-सायाआब-ओ-दाना ये किस जगह लाया
हम-सफ़र हमराज़ हमदम कोई हम-साया नहींतन्हा था लेकिन किसी तूफ़ाँ से घबराया नहीं
अपने ही भाई को हम-साया बनाते क्यूँ होसहन के बीच में दीवार लगाते क्यूँ हो
बे-दर-ओ-दीवार सा इक घर बनाया चाहिएकोई हम-साया न हो और पासबाँ कोई न हो
ख़ुशियाँ हैं मेहमान मिरीग़म मेरा हम-साया है
है ज़रूरत हलाल खाएँ हमसाया साया निखर गया सूरज
कुंजियाँ ख़ाना-ए-हम-साया की रखते क्यूँ होअपने जब घर की हिफ़ाज़त नहीं की जा सकती
घर को आग लगाई किस नेकोई नहीं हम-साया होगा
जाग ऐ मिरे हम-साया ख़्वाबों के तसलसुल सेदीवार से आँगन में अब धूप उतर आई
जो इस शोर से 'मीर' रोता रहेगातो हम-साया काहे को सोता रहेगा
हमारे क़त्ल की साज़िश के दरपयहमारा नेक हम-साया बहुत है
ये घर तो घर जभी कहलाएँगे जबग़म-ए-हम-साया हम-साए को होगा
मफ़र शमातत-ए-हम-साया से 'जमाल' नहींये बर्क़ गिरती नहीं है गिराई जाती है
'राग' न बद-ज़न होना उस सेहम-साया है अच्छा होगा
मिरी बस्ती है या आबाद जंगलमकाँ मौजूद हम-साया नहीं है
मेरा रहज़न था मेरा क़ातिल थामेरा हम-साया हम-सफ़र मेरा
मैं समुंदर वो सुलगता दश्त हैमेरे जैसा मेरा हम-साया नहीं
हम-साया ही हम-साए को लूटेगा'रहबर' मेरा ऐसा अब अंदाज़ा है
क्या मिला मेरी तबाही पर उन्हेंख़ंदा-ज़न है मेरा हम-साया बहुत
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